भाजपा के हाथ से फिसला झारखंड






हेमंत सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिल चुका है। हेमंत गठबंधन के मुखिया के तौर पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के पास नई सरकार के गठन का दावा पेश करेंगे और तमाम औपचारिकताओं के बाद सोरेन सरकार बन जाएगी। उधर, रघुबर दास ने हार स्वीकारते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। विपक्षी गठबंधन के सामने बीजेपी की रणनीति धरी की धरी रह गई और यहां तक कि पांच साल तक राज्य सरकार का चेहरा रहे रघुबर अपनी सीट भी नहीं बचा सके।
लगातार दूसरी बार स्पष्ट जनादेश
इस चुनाव की अच्छी बात यह रही कि झारखंड की जनता ने इस बार भी नए सरकार के लिए स्पष्ट जनादेश दिया। जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन ने 81 सीटों की प्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी 41 सीटों के जादुई आंकड़े को पार कर कुल 47 सीटों पर कब्जा जमा लिया है। जेएमएम को 30, कांग्रेस को 16 जबकि आरजेडी को एक सीट पर जीत मिली है। 2014 के चुनाव में भी राज्य में बीजेपी, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) गठबंधन को 42 सीटें मिली थीं। तब बीजेपी को 37 और सुदेश महतो की पार्टी आजसू को पांच सीटें मिली थीं। यानी, बहुमत के जरूरी आंकड़े से एक ज्यादा। इससे पहले साल 2000, 2005 और 2009 के विधानसभा चुनावों में किसी भी दल अथवा गठबंधन को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला और न कोई मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा कर सका। 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी गठबंधन ने स्पष्ट जनादेश के साथ रघुवर दास की सरकार बनाई जिसने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
रघुबर को बड़ी शिकस्त
जमशेदपुर पूर्व सीट पर बीजेपी के बागी सरयू राय ने सीएम रघुबर दास को जबर्दस्त पटखनी दी। सरयू राय ने बीजेपी का टिकट नहीं मिलने के कारण बागी हो गए और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सीधे मुख्यमंत्री को चुनौती दी। सरयू को इस चुनाव में 42.59% यानी 73,945 वोट मिले जबकि रघुबर के हिस्से 33.47% यानी 58,112 वोट ही आए। इसी सीट से कांग्रेस के गौरव वल्लभ भी अपनी किस्मत आजमा रहे थे जो 10.93% यानी 18,976 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे। हालांकि, अभी इस सीट का अंतिम परिणाम घोषित नहीं किया गया है।
मुख्यंत्रियों के हारने की परंपरा कायम
इस चुनाव की एक और खास बात रही कि इस बार भी मुख्यमंत्रियों के हारने का सिलसिला कायम रहा। झारखंड में अब तक जितने भी विधानसभा चुनाव हुए, उनमें तत्कालीन मुख्यमंत्रियों को अपनी सीट गंवानी पड़ी। यही वजह है कि 19 साल में यह राज्य अब तक छह मुख्यमंत्री देख चुका है। जमशेदपुर पूर्वी सीट से बीजेपी के ही बागी नेता सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुबर दास को करीब 16 हजार मतों से हरा दिया है।
दोनों सीटों पर जीते हेमंत
जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन इस चुनाव में दो सीटों- दुमका और बरहेट से किस्मत आजमा रहे थे। उन्हें इन दोनों सीटों पर जीत मिली है। दुमका में उन्हें बीजेपी की लुइस मरांडी के 67,819 (40.91%) वोट के मुकाबले 81,007 (48.86%) वोट मिले। वहीं, बरहेट में उन्होंने (73,725 यानी 53.49%) वोट पाकर बीजेपी के साइमन महतो (47985 यानी 34.82% वोट) को हराया।
झारखंड का नया अध्याय शुरू: हेमंत
हेमंत ने जीत की खुशी से दमकते चेहरे के साथ कहा कि वह हरेक वर्ग की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। हेमंत ने कहा, 'उत्साह का दिन तो है ही, संकल्प लेने का भी दिन है। यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का दिन है। दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के परिश्रम और समर्पण का परिणाम है। जिस उद्देश्य के लिए यह राज्य बनाया गया था, उसे पूरा करने का वक्त आ गया है।







 






 


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